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सक्रिय तथा निष्क्रिय ध्यान की विधियाँ

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ध्यान की विधियों को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है –  सक्रिय ध्यान की विधियाँ और निष्क्रिय ध्यान की विधियाँ । सक्रिय ध्यान वह ध्यान है जिसमें शरीर सक्रिय होता है, क्रियाशील होता है, शरीर में गति होती है; और निष्क्रिय ध्यान वह होता है जिसमें शरीर स्थिर होता है, शांत होता है, विश्राम में होता है, इसमें कोई गति नहीं होती । सक्रिय ध्यान सक्रिय ध्यान की जितनी विधियाँ हैं उनमें से पहली विधि के बारे में चर्चा करेंगे, जो की है ओशो की सक्रिय ध्यान विधि यानि डाइनैमिक मेडिटेशन । इस विधि के चार चरण हैं । पहली विधि- पहली विधि  में बहुत बलपूर्वक साँस छोड़नी है , पूरी त्वरा में, पूरी शक्ति उढ़ेल देनी है । बस साँस बाहर छोड़नी है, बस साँस छोड़ना है । जितनी ऊर्जा से आप साँस छोड़ सकते हैं, छोड़ें । अपने आपको उढ़ेल दीजिए । ओशो कहते हैं कि साँस लेने की चिन्ता न करें, शरीर स्वयं साँस ले लेगा । बस आप छोड़ने की चिन्ता करें । साँस छोड़ें पूरे ज़ोर से, पूरी तन्मयता से, पूरी सघनता से, पूरी तीव्रता से, पूरी मस्ती से, अपनी पूरी हस्ती से, बस साँस छोड़ें । तो इस चरण में 15 मिनिट इस विधि से