अवचेतन मन की रहस्यमयी शक्ति

अवचेतन मन का रहस्य

आप चाहे जागे हो या सोये ,आपके अवचेतन मन की रहस्यमयी शक्ति आपके शरीर के सभी महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करती है । इसमें आपके चेतन मन के किसी तरह के दखल की जरुरत नहीं होती है । जब आप सो जाते हैं तो भी आपका ह्रदय धड़कता रहता है, आपके सीने और फेफड़े की मांशपेशियाँ फेफड़ों में हवा भरती और निकालती रहती है, आपके शरीर की कोशिकाओं के काम के कारण निकली कार्बन डाई आक्साइड के बदले में ताज़ी आक्सीजन भर ली जाती है ,जिसकी आपको कार्य करने के लिए जरुरत होती है।
आपका अवचेतन मन आपकी पाचक प्रक्रियाओं और ग्रंथियों के स्राव के अलावा आपके शरीर के अन्य सभी अद्भुत जटिल कार्यों को भी नियंत्रित करता है , यह सब लगातार होता रहता है,चाहे आप जाग रहे हों या सो रहे हों ।
अगर आपको अपने शरीर के सभी काम चेतन मन से करने पड़े ,तो आप निश्चित ही असफल हो जायेंगे।
आप शायद बहुत जल्दी मर जायेंगे, ये प्रक्रियाएं बहुत जटिल हैं और आपस में बुरी तरह गुंथी हुई है, किन्तु आपका अवचेतन इसे आसानी से करता रहता है।
चेतन और अवचेतन के फर्क को समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं , मान लें आप किसी सुपरसोनिक जेट में बैठकर समुद्र के ऊपर से गुजर रहे हों और आप काकपिट में घुस जाएँ, निश्चित ही आपको हवाई जहाज उड़ाना नहीं आता है ,लेकिन आप पायलट का ध्यान भटकाकर परेशानी जरुर खड़ी कर सकते हैं। इसी तरह से आपका चेतन मष्तिष्क शरीर को तो नहीं चला सकता , लेकिन वह इसके सही तरह से काम करने के रास्ते में बाधा जरुर बन सकता है |
चिंता, तनाव , डर और निराशा ये सभी ह्रदय ,फेफड़ों ,आमाशय और आतों के सामान्य कार्यों में बाधा डाल सकती हैं।
जब आप शारीरिक और मानसिक रूप से विचलित महसूस करते हैं, तो आप जो सबसे अच्छा काम कर सकते हैं वह है शिथिल होना ,आराम करना और विचार प्रक्रिया को रोक देना।
आप अपने अवचेतन मन से बात करें, इससे कहें की यह शान्ति ,सामंजस्य और दैवीय विधान को स्थापित करें, ऐसा करने पर आप पायेंगे की आपके शरीर की समूची कार्य प्रणाली दोबारा सामान्य हो गई है ।
अपने अवचेतन मन से अधिकार और विश्वास के साथ बोलें ,यह आपके आदेश का पालन करके प्रतिक्रिया करेगा।
आप अपने अवचेतन मन से अपने काम करवा सकते हैं ,इसकी खामोश प्रक्रिया को आप देख सुन नहीं सकते ,आपका पाला हर बार अपने अवचेतन मन के बजाय चेतन मन से पड़ता जबकि सभी महत्वपूर्ण कार्य अवचेतन मन ही करता है।
अपने चेतन मन से सर्वश्रेष्ठ की आशा करते रहें और यह पक्का करें की आपके आदतन विचार अच्छे ,सुन्दर ,सच्ची ,न्यायपूर्ण और सद्भावनापूर्ण चीजों पर ही केन्द्रित हों।
अपने चेतन मन का ध्यान रखें ,इसके विचारों को नियंत्रित रखें और दिल में जान लें की आपका अवचेतन मन आपके ही आदतन विचारों के अनुरूप परिणाम दे रहा है ,व्यक्त कर रहा है और परिस्थितियां बना रहा है |
याद रखें जिस प्रकार पानी उसी पाइप का आकार ले लेता है ,जिसमे वह बहता है ,उसी तरह आपमें जीवन सिद्धांत ,आपके विचारों की प्रकृति के अनुरूप प्रवाहित होता है।
दावा करें की आपके अवचेतन की उपचारक शक्ति आपके भीतर सामंजस्य ,सेहत ,शान्ति ,सुख और प्रचुरता के रूप में प्रवाहित हो रही है।
ज्ञानी व्यक्ति या प्यारे मित्र के रूप में इसकी कल्पना करें ,दृढ़ता से यकींन करें की यह आपके भीतर लगातार प्रवाहित हो रहा है ,आपको सजीव ,सजग ,सक्रीय बना रहा है ,प्रेरित कर रहा है और समृद्ध बना रहा है।
इसकी अवचेतन मन की प्रतिक्रिया भी आपको इसी रूप में प्राप्त होगी ,क्योकि यह वैसी ही प्रतिक्रिया देता है जैसा आप चेतन मन से इसमें भरते हैं।
जैसा आप यकीन करेंगे वैसा ही आपको मिलेगा,आप किसी प्रक्रियां को बार बार नियंत्रित करने के लिए सोचेंगे तो आपका अवचेतन मन कुछ समय बाद स्वयं ही उसे नियंत्रित करने लगेगा और आपको आश्चर्य होगा की आपके सोचने मात्र से यह कार्य होने लगा।

अब मै आपको आकर्षण के सिद्धांत व नियम के बारे मे थोड़ा और विस्तारपूर्वक बताता हूं:

आकर्षण का नियम

हमारी पीढ़ी की सबसे बड़ी खोज है कि आप विचार शक्ति के प्रयोग से अपना जीवन और अपना प्रारब्ध बदल सकते हैं। विचार शक्ति, हमारे अंदर निहित शक्तियों में सबसे महान शक्ति है। युगों का प्रधान रहस्य है कि अवचेतन मन में अद्भुत, चमत्कार उत्पन्न करने की शक्ति होती है।
युगों-युगों से महान शिक्षकों ने हमारे मस्तिष्क और विचार शक्ति की महत्ता पर विशेष बल दिया है। बुद्ध ने कहा है, “मस्तिष्क सब कुछ है, जैसा आप विचार करेंगे, वैसे ही आप बनेंगे”। महान भारतीय रहस्यवादी, राम कृष्ण परमहंस ने कहा है: “मनुष्य मन से ही बाध्य है और मन से ही मुक्त है”। विलियम जेम्स के अनुसार, हमारी पीढ़ी की सबसे बड़ी खोज है कि, मनुष्य, मस्तिष्क के स्वभाव में फेरबदल करके अपने जीवन को परिवर्तित कर सकता है। इसी तरह, आप अपने विचारों को नियंत्रित करके अपने भाग्य को नियंत्रित कर सकते हैं।
परंतु यह एक महान विडम्बना है कि ज़्यादातर लोग यह भी नहीं जानते कि अपने मस्तिष्क की शक्ति, विचार-शक्ति को किस तरह से प्रयोग करना चाहिए। उचित प्रकार से सोचना जानना उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना कि यह जानना कि उचित प्रकार से व्यवहार और बातचीत कैसे की जाय।
यह जानना और भी दर्दपूर्ण है कि लोग विचारों से बचने के लिये कितनी कोशिशें करते हैं। थॉमस एडीसन ने कहा था, “सिर्फ बहुत कम लोग विचार करते हैं, उनमें से ज़्यादातर सोचते हैं कि वे विचार करते हैं लेकिन इस पृथ्वी पर ज़्यादातर लोग विचार करने के विषय में सोचते तक नहीं हैं”।
हर विचार एक कारण है और हर कार्य या उत्पन्न परिस्थिति उसका परिणाम मात्र है। इस विश्व में विचार ही सबसे महत्त्वपूर्ण, रहस्यपूर्ण और अदृश्य, जीवित मौजूद शक्ति है। विचार बिलकुल जीवित वस्तुओं की तरह हैं। बाहरी सफलता भीतर की सफलता से ही प्रारम्भ होती है और यदि वास्तव में गंभीरतापूर्वक अपने वाह्य जीवन की गुणवत्ता को सुधारना चाहते है, तो आपको पहले अपने आंतरिक जीवन को सुधारना होगा। मस्तिष्क में छुपी हुई असीमित क्षमताओं को खोजना सीखने और इसके प्रभावी प्रयोग से, जो आप बनना चाहते हैं वह बनने और जीवन में असाधारण सफलता प्राप्त करने से महत्त्वपूर्ण कुछ भी नहीं है।
आकर्षण का नियम, ब्रह्माण्ड का प्रकृतिक नियम है। इसके अनुसार, “लाइक अट्रैक्ट्स लाइक” यानि जब आप किसी विशेष विचार पर ध्यान केन्द्रित करते हैं तो आप उसी तरह के अन्य दूसरे विचारों को अपनी ओर आकर्षित करना प्रारम्भ कर लेते हैं। विचारों में चुम्बकीय शक्ति है और वे अपनी विशेष आवृत्ति (फ्रिक्वेन्सी) पर काम करते हैं। अतएव, वे उस फ्रिक्वेन्सी पर कार्य कर रहे अन्य सभी समान विचारों आकर्षित करना और आपको सर्वथा प्रभावित करना प्रारम्भ कर देते हैं। आप ब्रह्माण्ड के सबसे शक्तिशाली संचरण मीनार (ट्रांसमिसन टावर) हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप नियति को क्या संदेश देना और उससे क्या प्राप्त करना चाहते हैं।
आपका वर्तमान जीवन आपके बीते हुए कल में आप द्वारा की गयी इच्छाओं और विचारों का परिणाम है और, जैसे आपके विचार आज हैं उससे आपका भविष्य निर्मित होगा। “विचार शक्ति का विज्ञान” का सार है कि आप जिस विषय में विचार करते हैं या ध्यान केन्द्रित करते हैं आपको वही प्राप्त होता है, चाहे आप चाहें या न चाहें। एक दूसरे से मिलते जुलते सारे विचार एक ही दिशा में पंक्तिबद्ध होकर वस्तु रूप लेने लगते हैं। निराकार साकार रूप लेने लगता है।
आप जिस भी संबंध में विचार कर रहे हैं वह आपके भविष्य की घटनाओं की योजना बनाने जैसा है। जब आप किसी की प्रशंसा कर रहे हैं तब भी आप योजना बना रहे हैं। जब आप किसी विशेष विषय में चिंता कर रहे हैं तब भी आप योजना बना रहे हैं। चिंता करना आपकी कल्पनाशक्ति से कुछ ऐसा करवाती है जैसा आप अपने जीवन में कभी नहीं होने देना चाहेंगे। इस तरह हर विचार विश्व व्यवस्था या ब्रह्माण्ड को एक निमंत्रण है और आपके विचार शक्ति से निमंत्रण के बिना आपके जीवन में कुछ भी घटित नहीं हो सकता है। और, विश्वास रखें, शक्तिशाली आकर्षण के नियम का कोई अपवाद नहीं है।

उदाहरणतया:
• अगर आप हमेशा अपने कर्ज के बारे में सोचते हैं, तो आप निश्चित तौर पर और कर्ज को आकर्षित कर रहे हैं।
• यदि आप को अपने स्वास्थ्य की चिंता लगी रहती है कि कहीं आप बीमार न हो जाएँ तो यह निश्चित है कि आप बुरे स्वास्थ्य को आकर्षित करेंगे।
• यदि आप वृद्ध होने की चिंता से व्याकुल हैं तो आप वृद्धावस्था के असर का अनुभव करने लगेंगे।
• यदि आपको इस बात की चिंता है कि आपका प्रिय आपको प्रेम करता है कि नहीं तो निश्चित तौर पर अनिश्चितता के अनुभव को आकर्षित करेंगे, आपका संबंध बिगड़ेगा और आपको बाद में पछतावा होगा।
ऊपर दिये हुए उदाहरणों को देखते हुए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपके विचार कैसे हैं। शब्दों से कोई फर्क नहीं पड़ता वे गौड़ हैं। आपके मस्तिष्क में जो चल रहा है आप सिर्फ वही आकर्षित कर रहे हैं अर्थात, विचार जो आप सोच रहे हैं और कल्पनाएं जो आप कर रहे हैं।
कल्पनाओं से परिपूर्ण विचार समान चीजों को वास्तविकता की ओर आकर्षित करते हैं। मतलब आपके विचार अपने साथ की कल्पना की शक्ति से और भी शक्तिशाली हो जाते हैं। विचारों को वास्तविकता में बदलने में कल्पनाएं एक शक्तिशाली भूमिका निभाती हैं। यदि आप किसी ऐसे लक्ष्य के बारे में सोचिए जिसके बारे में आपका उत्साह आधा-अधूरा हो। इस लक्ष्य को पाने में आपको अधिक समय लगेगा। परंतु यदि आप भावनात्मक रूप से पूरी तरह उत्साहित हैं तो आपको लक्ष्य बहुत जल्दी प्राप्त होगा। दूसरे शब्दों में, यदि आपके विचार आपको लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में ले जाने वाले वाहन हैं तो आपकी भावनाएं ईंधन हैं जो इस वाहन को शक्ति देती हैं।
आप अपने जीवन में होने वाली हर घटना के उत्तरदायी हैं। किसी स्तर पर – चेतन या अचेतन, आपने हर आदमी, हर विचार, हर रोग, हर आनंद और दर्द के हर क्षण को अपने जीवन में आकर्षित किया है। आप जो भी विचार करते हैं और जो भी अनुभव करते हैं वह बिना किसी अपवाद के आपके जीवन में घटित हो जाता है। यह होता ही है चाहे भले ही आप ऐसा न चाहते हों।

जीवन का पृथक्करण!

अपने जीवन को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने के लिये, अपनी दिनचर्या को विभागों में विभाजित करने का प्रयास कीजिये। इसका सबसे अच्छा तरीका है की अपनी घरेलू जिंदगी, स्कूल की जिंदगी, निजी जिंदगी, और पारिवारिक जिंदगी को अलग-अलग कर दें। ध्यान रखेँ अपनी प्राथमिकताओं को इनके साथ न उलझाएं।
यह पृथक्करण आपकी कई तरीकों से मदद करेगा। यह आपके तनाव के स्तर को कम करने में, आपकी विचार शक्ति को बढ़ाने में, आपको और प्रभावशाली और उपजाऊ बनने में मदद करेगा। इस अलगाव की सबसे विशेष बात यह है की यह आपको स्वाभाविक रूप से परिपक्क्व बनाएगा।

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Law Of Attraction(जैसा सोचोगे वैसे बनोगे)

मृत्यु अंत नही आरंभ....